Thursday 28 April 2016

मजदूर के बेटे ने छत्तीसगढ़ बोर्ड में 10वीं टॉप किया

प्रतिभा अमीरी और गरीबी नहीं देखती। छत्तीसगढ़ बोर्ड के 10वीं का टॉपर हेमंत कुमार साहू एक साधारण किसान परिवार से है। उसके पिता निराकार साहू डीबी पॉवर में ठेका मजदूर हैं। हेमंत ने 99% मार्क्स हासिल किए हैं यानी 100% में महज 6 मार्क्स कम। उसे सोशल साइंस और मैथ्स में 100 में 100 मार्क्स मिले हैं।  हेमंत अपने परिवार के साथ जांजजीर-चांपा जिले के डभरा ब्लॉक स्थित टुंड्री गांव में रहता है। वह घर से करीब पांच किलोमीटर दूर साइकिल चलाकर महेंद्र सिंह पटेल मेमोरियल आदर्श हायर सेकेंड्री स्कूल, चंदेली (जिला- रायगढ़ ) आता था। उसने बताया कि उसके पड़ोस के गांव में भी एक हाई स्कूल है, लेकिन अच्छी पढ़ाई के लिए उसने पड़ोसी जिले के स्कूल में एडमिशन लिया था। हेमंत की बड़ी बहन राजलक्ष्मी साहू भी इसी स्कूल से पढ़ी थी और 2013 में 10वीं में टॉप टेन में आई थी। हेमंत उसी से प्रेरित था।

मजदूरन मां की बेटी ने 10वीं बोर्ड मेरिट में लाया दूसरा स्थान
प्रतिभा अमीरी और गरीबी नहीं देखती। छत्तीसगढ़ 10वीं बोर्ड की परीक्षा का परिणाम गुरुवार सुबह आया तो जांजगीर की सुरुचि साहू ने टॉप टेन में दूसरा स्थान प्राप्त किया। वे अपने नाना के घर में रहकर पढ़ती हैं और आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहती हैं। सुरुचि की मां मजदूरी करती हैं।

हम्माल की बेटी और किसान के बेटे ने रचा इतिहास
10 की बोर्ड परीक्षा में बालोद जिले से मेरिट सूची में दो बच्चों ने स्थान बनाया है। सूची में 97 प्रतिशत अंक के साथ पांचवें स्थान पर रही चन्द्रकला ग्राम देवारभाट की निवासी एवं गांव के ही शासकीय स्कूल की छात्रा है। उसके पिता देवलाल बालोद एफसीआई में हम्माल का काम करते हैं। चन्द्रकला बड़ी होकर सेना में जाना चाहती है। वह शुरू से प्रतिभाशाली रही है। इसके अलावा मेरिट सूची में 96.33 प्रतिशत अंक लेकर 9 वें स्थान पर रहने वाले सौरव देशमुख बालोद के समीपस्थ ग्राम पापरा का निवासी है और बालोद के कान्हा स्कूल का छात्र है। शुरू से मेधावी रहे सौरव के पिता युगल देशमुख किसान हैं। सौरव बड़ा होकर वैज्ञानिक बनना चाहता है। दोनों ही बच्चे अपने-अपने गांव से टापटेन सूची में स्थान बनाने वाले पहले बच्चे हैं।


No comments:

Post a Comment