Wednesday 29 November 2017

स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत और इटली करेंगे एक दूसरे का सहयोग

नई दिल्ली। भारत और इटली ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा और इटली की स्वास्थ मंत्री सुश्री बिट्रिस लोरेंजिन ने स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और इटली के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की उपस्थिति में एमओयू पर हस्ताक्षर किये। श्री नड्डा ने कहा कि दोनों देशों के बीच मजबूत और समृद्ध पारम्परिक संबंध हैं, जो उच्च स्तरीय यात्राओं से और सुदृढ़ हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में संबंध बढ़ाने में दोनों देशों के आपसी हित हैं। श्री नड्डा ने कहा कि एमओयू के तहत दोनों देशों के बीच व्यापक तरीके से स्वास्थ्य क्षेत्र में आदान-प्रदान की संभावनाएं तलाशने और क्षमताओं का दोहन करने की आवश्यकताओं तथा अवसरों की पहचान की जाएगी।
इन क्षेत्रों में करेंगे सहयोग
1-चिकित्सकों, अधिकारियों, अन्य स्वास्थ्य पेशेवरों और विशेषज्ञों का आदान-प्रदान और प्रशिक्षण
2-मानव संसाधन का विकास और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं की स्थापना में सहायता
3-स्वास्थ्य के क्षेत्र में मानव संसाधनों का अल्पकालिक प्रशिक्षण
4-फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों का विनियमन और इसके बारे में जानकारी का आदान प्रदान
5-फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में व्यापार बढ़ाने के अवसरों को प्रोत्साहन देना
6-जेनेरिक और आवश्यक दवाओं की खरीद और दवाई आपूर्ति में सहायता
7-स्वास्थ्य उपकरण और फर्मास्युटिकल उत्पादों की खरीद
8-एसडीजी 3 और संबंधित कारकों पर जोर देने के साथ आपसी हित के न्यूरोकार्डियोवास्कुलर रोग, कैंसर, सीओपीडी, मानसिक स्वास्थ्य और डिमेंशिया जैसे एनसीडी की रोकथाम में सहयोग
9-संचारी रोगों और वेक्टर जनित बीमारियों पर जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में सहयोग
10-एसडीजी 2 और पौष्टिक सेवाओं के संगठन के संदर्भ में कुपोषण सहित भोजन सेवन के पोषण संबंधी पहलू
11-उत्पादन, परिवर्तन, वितरण और खाद्य वितरण की सुरक्षा
12-खाद्य उद्योग आॅपरेटरों के अनुसंधान और प्रशिक्षण
13-स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा तथा अच्?छे खान-पान की आदतों पर नागरिकों को जानकारी और सूचना देना
14-आपसी सहमति पर निर्णय लिये गये सहयोग के अन्य क्षेत्र

मलेरिया उन्मूलन की दिशा में आगे बढ़ा भारत

नई दिल्ली। भारत ने एक तिहाई नये मलेरिया के मामले कम किये हैं और 2020 तक के मलेरिया मृत्यु दर के लक्ष्य को पार कर लिया है। यह बात केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने  दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में मलेरिया उन्मूलन के प्रयास बढ़ाने विषय पर उच्च स्तरीय बैठक में कही। श्री नड्डा ने कहा कि अपने क्षेत्रीय बोझ के लगभग तीन चौथाई हिस्से के साथ भारत ने सफलतापूर्वक पूरे दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के मलेरिया के बोझ को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस अवसर पर दक्षिण-एशिया क्षेत्र के देशों के स्वास्थ्य मंत्री, प्रतिनिधि देशों के प्रमुख, विश्व स्वास्थ्य संगठन, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम क्षेत्रपाल सिंह और डब्ल्यूएचओ की उप-महानिदेशक डॉ. सौम्य स्वामीनाथन भी उपस्थित थे। श्री नड्डा ने कहा कि देश में अधिकतर मलेरिया के मामले सीमावर्ती जिलों, जंगल और जनजातिय क्षेत्रों में होते हैं, जबकि देश के शेष इलाकों में से अधिकतर मलेरिया मुक्त हैं। इसलिए भारत की व्यापक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने के लिए मलेरिया न केवल एक समस्या है, बल्कि इसे एक समान रूप से दूर करना होगा।

बोस संस्थान का असाधारण और उत्कृष्ट स्थान

कोलकाता। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कोलकाता में बोस संस्थान के शताब्दी उत्सव के समापन समारोह में संबोधित किया। राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय विज्ञान के परिदृश्य में बोस संस्थान का असाधारण और उत्कृष्ट स्थान है। यह देश में स्थापित होने वाले सबसे पहले के वैज्ञानिक संस्थानों में से एक है। इस संस्थान ने विज्ञान और देश के हित में अपनी सेवाएं दी हैं। इसका जैविकी और भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में अनुसंधान पर सबसे अधिक योगदान है। इसके साथ ही इस संस्थान का ग्रामीण बायो टैक्नोलॉजी पहल के जरिए ग्रामीण बंगाल में अति सक्रिय सामाजिक पहुंच कार्यक्रम भी था। यह संस्थान पूर्वोत्तर के विभिन्न राज्यों में स्कूली बच्चों के लिए शैक्षिक स्तर उत्थान कार्यक्रम भी कर रहा है। यह संस्थान सही मायने में हमारे समाज के जमीनी स्तर पर विज्ञान और नवाचार की संस्कृति को फैलाने के लिए ईमानदार प्रयास कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि इन सबकी वजह से बंगाल, बंगाल के विज्ञान और बंगाल के प्रतिभाशाली युवा वैज्ञानिकों के लिए काफी अवसर उपलब्ध हैं। आचार्य जे.सी. बोस को हमारी सबसे बड़ी श्रद्धांजलि नवाचार और खोज के इस नये युग को अंगीकार करना होगा, जैसा कि उन्होंने शताब्दी पहले नवाचार तथा खोज की प्रक्रिया का नेतृत्व किया था।

6 उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए 2066.73 करोड़ रुपए की परियोजनाएं

नई दिल्ली। अनुसंधान तथा सम्बद्ध अवसंरचना के लिए अतिरिक्त धनराशि प्रदान करने के लिए उच्च शिक्षा निधियन एजेंसी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।  एचईएफए बोर्ड ने अपनी दूसरी बैठक आयोजित की और 6 संस्थानों आईआईटी, बम्बई, मद्रास, खडगपुर, कानपुर तथा एनआईटी सूरतकल के लिए 2066.73 करोड़ रुपए की परियोजनाएं स्वीकृत कीं। इन निधियों का प्रयोग इन संस्थानों के अनुसंधान अवसंरचना में सुधार के लिए किया जाएगा ताकि ये विश्व स्तर पर अपनी स्थिति में और सुधार ला सकें। ये संस्थान इन निधियों का उपयोग परियोजना की प्रगति के अनुसार कर सकते हैं और उन्हें पूरा कर सकते हैं। एचईएफए के अधीन ये निधियां इन संस्थानों को दी जा रही अनुदान के अतिरिक्त होंगी। ये निधियां सरकार द्वारा इन संस्थानों को दिये जाने वाले अनुदान के अतिरिक्त हैं। योजना के अनुसार एचईएफए 20000 करोड़ रुपए बाजार उधारी से जुटायेगा और उसे सरकारी संस्थानों को ब्याज मुक्त ऋणों के रूप में जारी कर देगा।

Tuesday 28 November 2017

‘120 बिट्स पर मिनट’ को स्वर्ण मयूर ट्रॉफी

नई दिल्ली। गोवा में आयोजित 48वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह 2017 के दौरान मोरक्को में जन्मे फ्रांस के निर्देशक रोबिन केम्पिलो द्वारा निर्देशित फिल्म ‘120 बिट्स पर मिनट’ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का सम्मानित स्वर्ण मयूर पुरस्कार प्राप्त हुआ है। 1990 के दशक में फ्रांस में फैली समलैंगिकता एवं एड्स महामारी की पृष्ठभूमि में बनी इस फिल्म में नहुएल पेरेज बिक्सायार्ट, अर्नोड वेलोयस एवं एडेले हैनल ने काम किया है तथा इसका वर्ल्ड प्रीमियर 2017 के कांस फिल्म समारोह में हुआ था। चीन की निर्देशक विवियन क्यू ने अपनी फिल्म एंजेल्स वियर व्हाइट के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार जीता। इस फिल्म में दो किशोरी लड़कियों की संघर्ष की कहानी है जिनका शोषण एक अधेड़ व्यक्ति द्वारा किया जाता है। सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरुष का पुरस्कार नहुएल पेरेज बिक्सायार्ट को उनकी फिल्म ‘120 बिट्स पर मिनट’ के लिए प्रदान किया गया। पार्वती थिरुवथू कोट्टूवता को उनकी मलयाली फिल्म ‘टेक आॅफ’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिन्होंने इस फिल्म में युद्ध प्रभावित इराक में बागी सेना द्वारा बंधक बनाए गए अपने पति की रिहाई के लिए लड़ाई में एक नर्स की भूमिका अदा की है। विख्यात अभिनेता श्री अमिताभ बच्चन को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए तालियों की गड़गड़ाहट के बीच वर्ष के सर्वश्रेष्ठ भारतीय फिल्म व्यक्तित्व का पुरस्कार प्रदान किया गया।

भविष्य का सिनेमा डिजिटल होगा

नई दिल्ली। भारत के 48 वें अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ओपन फोरम के अंतिम सत्र में डिजिटल रिवोल्यूशन चेंजिंग फेस आॅफ सिनेमा विषय पर चर्चा हुई। मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंसेस अकादमी के सदस्य उज्जल निरगुदकर, रेडियो एफटीआईआई पुणे के प्रमुख संजय चांदकर,  एंटरटेनमेंट सोसाइटी आॅफ गोवा के उपाध्यक्ष राजेंद्र तलक, शोधकर्ता और फिल्म समीक्षक एमए ए राघवेन्द्रन ने इस चर्चा में भाग लिया। भारतीय वृत्तचित्र प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष माइक पांडे ने सत्र का संचालन किया। उज्जल निरगुदकर ने सिनेमा में डिजिटल क्रांति के बारे में कहा कि 2008 से हमने सिनेमा में डिजिटल तकनीक का उपयोग शुरू कर दिया था। अब डिजिटल प्रणाली में कई बदलाव आ रहे हैं  इसलिए हाई अल्ट्रा डेफिनेशन जल्द ही भारत में एक वास्तविकता होगी। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी वाकई अद्भुत है, लेकिन भंडारण क्षमता और अवधि को लेकर समस्याएं हैं। रेडियो एफटीआईआई प्रमुख संजय चांदेकर ने कहा कि डिजिटल प्रौद्योगिकी ने उड़ने के लिए सभी को पंख प्रदान किए है। डिजिटल प्रौद्योगिकी उपयोगकर्ता को अधिक विकल्प प्रदान करती है। ध्वनि उद्योग में समस्या यह है कि साउंड इंजीनियर डिजिटल तकनीक के साथ ठीक से न्याय नही कर पा रहे हैं। आॅडियो आॅप्टिकल और डिजिटल दोनों संयोजनों में होता है। एंटरटेनमेंट सोसाइटी आॅफ गोवा की भविष्य की योजनाओं के बारे में राजेंद्र तलक ने बताया कि वर्ष 2019 में फिल्म महोत्सव के लिए एक नया एकीकृत परिसर उपलब्ध हो जाएगा। उन्होंने बताया कि ईएसजी अधिक से अधिक प्रौद्योगिकी आधारित परियोजनाओं के साथ काम कर रही है। फिल्म समीक्षक एमए ए रघुवेन्द्रन ने सिनेमा में डिजिटल क्रांति पर अपने विचार व्यक्त किए। आईडीपीए के अध्यक्ष माइक पांडेय ने सत्र के समापन में कहा हर कोई उत्साह चाहता है यही वजह है कि प्रौद्योगिकी आधारित फिल्में अच्छा कारोबार कर रही हैं।

तकनीक का प्रयोग मानवता के उत्थान के लिए हो : उपराष्ट्रपति